" अगर आप उस इंसान की तलाश कर रहे हैं , जो आपकी ज़िन्दगी बदल देगी , तो मुबारक हो , आपकी तलाश पूरी हुई ,
जरा एक बार आईना देख लीजिये , वो इंसान आपके सामने हैं | "
नमस्कार दोस्तों |
मैं हूँ आर्यन , और लेकर आया हूँ एक नया ब्लॉग |
क्या कभी ऐसा आपके साथ हुआ है कि आपको देखकर कोई बोले , आज बदले - बदले लग रहे हो , क्या बात है ?
हुआ होगा , फिर अपने कहा हो , नहीं ऐसी कोई बात नहीं , सब ठीक है |
Right ?
अब थोड़ा एक कदम पीछे चलते हैं , जैसे ही किसी दूसरे इंसान ने आपको ऐसा बोला होगा , आपके शरीर में एक तरंग उत्पन्न हुआ होगा , और एक ख्याल आया होगा " आज मैंने क्या नया कर डाला जो सामने वाले को अलग लग रहा है | " क्या ये हुआ है आपके साथ ?
तो क्यों न इस बदलाव को हम अपनी ज़िन्दगी में हमेशा के लिए ले आये ?
तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक " मेरे साथ वो 6 कदम " |
दोस्तों क्या आपको पता है की इंसानो और बाकि जानवरों में किस चीज़ का फर्क है ?
आपमें से कई लोगों ने सोचा होगा " दिमाग का " , " बुद्धि का " , " सोचने की क्षमता का " वगैरह - वगैरह |
पर इस उत्तर के ऊपर मेरा भी एक प्रश्न है |
" किस प्रकार के बुद्धि का , किस प्रकार के दिमाग का ? "
एक कमरे में बैठकर हम सोच रहे हैं , आज खाने में क्या बनाया जाये , अपने दोस्तों से इस बात पर चर्चा हो रही है की आज कौन सी मूवी देखने जाये , शादी के 2 महीने पहले से सोच रहे हैं की शादी में क्या क्या किया जाये |
क्या ऐसा नहीं हो रहा की कोई इंसान अपने जन्म से मरने तक कभी इंसान बना ही ना हो ? क्योंकि वो सब पूरी ज़िन्दगी बस वही कर रहे हैं , जो दूसरे लोग कर रहे हैं |
आपने अधिकतर लोगों को ये कहते सुना होगा , " मैं परेशान हूँ " , " ज़िन्दगी ठीक नहीं चल रही है " , " क्या करूँ समझ नहीं आ रहा है " , " बहुत कष्ट हैं ज़िन्दगी में " या ऐसे ही कुछ जुड़े हुए वाक्य |
जब इंसानो के पास इतनी बुद्धि है ही , तो ज़िन्दगी में अचानक समस्याएं कहाँ से आ जाती है ?
और इन सबका कारण क्या ?
केवल एक ही कारण |
" परिवर्तन के प्रति उदासीनता " |
और परिवर्तन किसका ?
किसी भी इंसान का आईना उसकी आदते होती है , उसकी पहचान उसके आदतों से ही होती है , इसीलिए हमे अपनी उन आदतों को हटाना होगा , जो हमारे लिए सही नहीं है
|
अमेरिकी गीतकार " एंथोनी एवंस " ने इसी बारे में एक जबरदस्त लाइन बोली है :-
" नयी चीज़ों के निर्माण के लिए , पुरानी अनचाही चीज़ें ढहानी पड़ती है | "
आप लोगों ने Newton की गति का प्रथम नियम पढ़ा है ?
" कोई वस्तु स्थिर है तो स्थिर ही रहेगी , और अगर गति कर रही है तो गति ही करती रहेगी जब तक उस पर बाहरी बल ना लगाया जाए | "
तो जब कोई वस्तु बिना किसी बाहरी परिवर्तन के अपनी स्थिति नहीं बदल रही , तो हम तो फिर भी इंसान है , बिना परिवर्तन के हमारी स्थिति कैसे बदल जाएगी ????
आप ही बताइये |
क्योंकि दोस्तों हमने बदलना सीखा ही नहीं हैं , बचपन से हमारे दिमाग में यही डाल दिया जाता है कि " जैसे हो वैसे ही रहो , बदलना बस मत " |
और आजकल के रिश्तों की बुनियाद ही यही है की " अगर तुम बदल गए तो बात बिगड़ जाएगी " |
" परिवर्तन , प्रगति कि एक शर्त है " |
क्या आपने ये कहीं सुना है ?
जरूर सुना होगा , या कहीं लिखा हुआ देखा होगा , क्या ये वाक्य किसी मतलब के नहीं ? आपने कभी सोचा ?
चलिए एक प्रयोग करके देखते हैं : - आप एक गेंद लीजिये , और उसे सामने दीवार पर फेकियें , क्या होगा ? वो गेंद वापस आपके हाथ में आ जाएगी , सही ना ?
अब फिर वही गेंद लीजिये , दीवार पर फेंकिए और आप अपने जगह से हट जाइये , अब क्या होगा ?
गेंद आपके हाथ में नहीं आएगी वो दूसरे जगह चली जाएगी , हैं ना ?
बस यही है परिवर्तन की ताकत |
जब आपके एक जगह बदलने से वो गेंद आपसे दूर हो गयी , तो क्या आपकी ज़िन्दगी बदलने से वो समस्या दूर नहीं होगी ? सोचिये |
अब आप पूछेंगे की बदलाव होगा कैसे ?
तो उसका उत्तर भी मेरे पास है , या कहूं आपको बस 6 कदम चलने हैं , So Simple |
आपने English Word " Occupy " ( ऑक्युपाई ) , सुना है ? इसका मतलब है " स्थान घेरना या ग्रहण करना " |
इसी से एक शब्द याद कर लीजिये , " OAKUPR " , " ऑक्यूपर " |
जैसे writing करने वाला writer , Edit करने वाला Editor , वैसे ही Occupy करने वाला " ऑक्यूपर " , बस इसका स्पेलिंग थोड़ा अलग है |
यहाँ भी आप कुछ ग्रहण करने वाले हैं , जो आपको अपनी ज़िन्दगी को सही दिशा देने के लिए बेहद जरुरी है |
तो ये है उन 6 शब्दों का संक्षिप्त रूप जिसे आप अपनी ज़िन्दगी में अपनाकर परिवर्तन हेतु खुद को सक्षम बना सकते हैं |
तो चलिए अपनी कुर्सी की पेटी बांध लीजिये , और चलिए " मेरे साथ वो 6 कदम "|
1 . O for Obsevation ( अवलोकन करना ):-
दोस्तों , परिवर्तन की सबसे पहली सीढ़ी का नाम है " अवलोकन करना " , किस बात का अवलोकन ? तो आपको आपके रोज़मर्रा की आदतों का अवलोकन करना है , देखिये की आपके किस आदत से आपको अपनी ज़िन्दगी को आगे बढ़ाने में बाधा पहुँच रही है |
जैसे मान लीजिए आपको , देर रात सोने की आदत है , पर उसके कारण आप सुबह उठने में भी देरी कर रहे हैं , इस कारण आपको सुबह अपने काम पर जाने या कोई चीज़ करने के लिए समय कम मिल रहा |
इसका मतलब आपकी गलती रात में देर से सोना है |
2 . A for Acceptance ( स्वीकारना ) :-
ये दूसरी पर महत्वपूर्ण सीढ़ी है , आपके परिवर्तन होने के सफर को पूर्ण करने की | आपने अवलोकन कर लिया , और आपको पता चल गया की यहाँ - यहाँ दिक्कतें आ रही हैं , पर आपके अंदर उस चीज़ को स्वीकारने की क्षमता भी होनी चाहिए की आपने गलती की है , तभी तो आप उसे ठीक कर पाएंगे , आज के समय में 100 में से 95 लोगों को स्वीकारने में ही दिक्कत हो रही है तभी तो उनमे आपको कोई परिवर्तन दिखाई ही नहीं देता |
अपने किसी दोस्त , रिश्तेदार या पड़ोसी को देख लीजिये , आपसे 1 साल पहले भी जिस चीज़ पर उसने बोला होगा की ये मेरी गलती है , आज भी उसी चीज़ को लेकर वो आपके सामने रोएगा |
और आप बोलेंगे " भाई तुम कब बदलोगे ? "
क्योंकि वो लोग खुद में स्वीकार ही नहीं कर रहे की उन्होंने कुछ गलत किया है , हाँ आपके सामने भले ही बड़ी - बड़ी बातें करेंगे पर अंदर से खुद को सही समझेंगे |
3 . K for Knowing ( जानना ) :-
दोस्तों , आपने अवलोकन कर लिया , आपको कोई आदत गलत लग रही है , ये आपने स्वीकार भी कर लिया , इसके बाद ?
इसके बाद तीसरा कदम चलिए |
स्वीकार करने के बाद आपको उस आदत को सुधारने के सम्बन्ध में जानकारी इकट्ठी करनी होगी , चाहे तो आप अपने किसी दोस्त से शेयर करके उससे राय मांग सकते हैं , चाहे तो You Tube पर कोई वीडियो देख सकते हैं , कोई किताब पढ़ सकते हैं , या ऐसे ही कुछ दूसरा चीज़ भी कर सकते हैं |
जहाँ से जो भी मिले वो आप जानने की कोशिश करिये |
4 . U for Understanding ( समझना ) :-
दोस्तों , जानकारी तो हमे मिल गयी पर क्या सिर्फ जानने से बात बन जाएगी ? जैसे हम ये तो जानते हैं की आज ग्लोबल वार्मिंग की समस्या विक्राल रूप ले रही है , पर क्या हम इसे कम करने की तरफ कुछ कदम उठा रहे हैं ?
बिल्कुल नहीं |
तो किस चीज़ की कमी है ?
कमी है " समझ की " |
हमे समझना भी पड़ेगा , की चीज़ें किस तरह से हमे प्रभावित करती है , यहाँ हमे उस आदत से लड़ने के लिए अच्छी समझ विकसित करनी होगी , तभी हमे प्रभाव दिखेगा |
5 . P for Process (कार्य करना ) :-
5 वा कदम है दोस्तों , Process की |
हमारे पास अब नॉलेज है , समझ है , अब हमे अपनी ज़िन्दगी में उसे उतारना भी तो पड़ेगा ना ?
आखिरकार हम ये सब अपनी ज़िन्दगी को बेहतर करने के लिए ही तो कर रहे हैं |
तो अब आपको अपनी दिनचर्या में उन चीज़ों को करना होगा , जिससे हमारी वो आदत छूट जाये , जो हमारे लिए हानिकारक है |
6 . R for Result. ( परिणाम देखना ) :-
और सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण कदम यही 6 वा कदम है दोस्तों |
" परिणाम देखना " |
आपको क्या लगता है , ऊपर के बताये गए 5 कदम इतना आसान है ?
सोचिये अगर आसान होते तो हर कोई नहीं कर लेता ये सब ?
आपने अवलोकन कर लिया |
स्वीकार भी लिया |
जानकारी भी इकट्ठी कर ली |
समझ विकसित कर ली |
प्रोसेस भी कर लिया |
पर अगर परिणाम वैसा नहीं मिला जैसा आप चाहते हैं तब ?
तो दोस्तों आपको परिणाम पर भी फोकस करना होगा , कहते हैं न " जब मकान बनता है तो सिर्फ एक ईंट से कुछ नहीं होगा , पर वो एक ईंट भी महत्वपूर्ण हैं ,जिस पर दूसरा ईंट रखा हुआ है "
" Any Action Can't Change Everything , But Definitely Change Something . "
आपको इन 6 चीज़ों को दोहराते ही रहना हैं , जबतक मंजिल ना मिले |
दोस्तों तो ये थे वो 6 कदम , जो आपकी ज़िन्दगी बदल सकते हैं , आपको पूरी तरह परिवर्तित कर सकते हैं , बस आपको धैर्य बना कर रखना हैं |
और इस शब्द को याद रखिये , " OAKUPR " |
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